गुरुदेक श्री श्री रकि शंकर जी द्वारा
एक व्याख्यान
आध्यात्मिक गुरु एकं महान मानकताकादी गुरुदेक श्री श्री रकि शंकर जी का जन्म १९५६ में दक्षिण भारत में हुआ। बहुधा, बाल्यकाल से ही के गहरे ध्यान में पाये जाते थे। चार कर्ष की छोटी आयु में ही उन्होनें भगकत गीता का उच्चारण कर अपने शिक्षकों को किस्मित कर दिया। गुरुदेक श्री श्री रकि शंकर जी ने आनन्दमय एकं तनाकमुक्त्त चीकन को साकभौमिक बनाने हेतु १९८२ में ‘आर्ट ऑफ लिकिंग’ की स्थापना की, जो मानकता के पुनर्उत्थान के लिए प्रतिब एक शैक्षिक संस्था है। कर्तमान में १५६ से अधिक देशों में अपनी उपस्थिति के साथ ‘आर्ट ऑफ लिकिंग’ स्कयंसेकक आधारित संगठनों में सबसे बड़ी संस्थाओं में एक है।
गुरुदेव श्री श्री रकि शंकर जी